The knowledge of Vedic Aryans in chemistry is evident from many chemical process which are discussed in Vedas and practiced by Vedic Aryans in ancient India. The science of chemistry in ancient India started with Atharvanic alchemical notion of āyusyāni which later on came to be known as rasāyana (which later on termed as 'chemicals'). Vedic people also knew the chemistry involved in process of dyeing. This is evident by their garments of different colors. This is depicted by the word Varna(color) in RigVeda.
AtharvaVeda 1.23.2
किलासं च पलितं च निरितो नाशया पृषत् Ι
आ त्वा स्वो विशतां वर्णः परा शुक्लानि पातय ΙΙ
श्वेत कुष्ठ के रोगी के श्वेत दागों दूर कर अपना वर्ण प्रदान करने वाली हे औषधियों! तुम कुष्ठ, श्वेत कुष्ठ और दाग-धब्बों आदि को नष्ट करो, जिससे इस रोगग्रस्त व्यक्ति की देह में पहले जैसी लालिमा आ जाएΙ
This above Vedic verse explains the process of dyeing that how white shade is colored by adding a color by soaking it in a solution impregnated with a dye.
The different colors of dye in Vedas are like krsna or syenī for black, śukla or śveta for white, śyāma as dark-grey, nīla as dark-blue, hāritā or harit as yellow, rudhira or lohita for red, mahārājana as saffron, aruna as ruddy(reddish color).
RigVeda 1.73.7
त्वे अग्ने सुमतिं भिक्षमाणा दिवि श्रवो दधिरे यज्ञियासः Ι
नक्ता च चक्रुरुषसा विरुपे कृष्णं च वर्णमरुणं च सं धुः ΙΙ
हे अग्ने! यज्ञ में मंगलकारी बुद्धि की याचना करते हुए पूजनीय देवता हवि अर्पित कर अन्न को ग्रहण करते हैंΙ विभिन्न रूपों वाली देवी उषा और रात्रि को देवताओं ने यज्ञानुष्टानों के लिए स्थित किया हैΙ उषा को अरुणिम वर्ण एवं रात्रि को कृष्णवर्ण धारण करायाΙ
In this Vedic verse, the ruddy color - aruna(अरुणिम) of dye is mentioned.
RigVeda 9.97.15
एवा पवस्व मदिरो मदायोदग्राभस्य नमयन् वधस्नैः Ι
परि वर्णं भरमाणो रुशन्तं गव्यूर्नो अर्ष परि सिक्तः ΙΙ
हे आनंददायक सोम! तू जलवृष्टि के निमित्त मेघों को प्रेरित करता हैΙ जल में मिश्रित होकर श्वेत वर्ण धारण करने वाला तू गौ - दुग्ध में मिश्रित होकर हमारे निमित्त प्रवाहित होΙ
In the above mentioned Vedic verse, the white color - śveta(श्वेत) is mentioned.
AtharvaVeda 1.22.2
परि त्वा रोहितैवर्णै र्दीर्घायुत्वाय दध्मसि Ι
यथाऽयमरपा असदथो अहरितो भुवत् ΙΙ
हे रोगग्रस्त मनुष्य! अधिक आयु प्राप्त करने के निमित्त हम तुझे लोहित वर्ण द्वारा आवृत्त करते है, जिससे तू पीलिया रोग से मुक्त होकर रोगरहित होΙ
In this above mentioned Vedic verse, the red color - lohita(लोहित) of dye is mentioned. Red color is also termed as rudhira.
Not only the dyeing process, the knowledge of Vedic Aryans in chemistry is evident by many other chemical processes like process of SMELTING IN METALLURGY, ALLOYING and FERMENTATION PROCESS, GLASS MANUFACTURING PROCESS.
AtharvaVeda 1.23.2
किलासं च पलितं च निरितो नाशया पृषत् Ι
आ त्वा स्वो विशतां वर्णः परा शुक्लानि पातय ΙΙ
श्वेत कुष्ठ के रोगी के श्वेत दागों दूर कर अपना वर्ण प्रदान करने वाली हे औषधियों! तुम कुष्ठ, श्वेत कुष्ठ और दाग-धब्बों आदि को नष्ट करो, जिससे इस रोगग्रस्त व्यक्ति की देह में पहले जैसी लालिमा आ जाएΙ
This above Vedic verse explains the process of dyeing that how white shade is colored by adding a color by soaking it in a solution impregnated with a dye.
The different colors of dye in Vedas are like krsna or syenī for black, śukla or śveta for white, śyāma as dark-grey, nīla as dark-blue, hāritā or harit as yellow, rudhira or lohita for red, mahārājana as saffron, aruna as ruddy(reddish color).
RigVeda 1.73.7
त्वे अग्ने सुमतिं भिक्षमाणा दिवि श्रवो दधिरे यज्ञियासः Ι
नक्ता च चक्रुरुषसा विरुपे कृष्णं च वर्णमरुणं च सं धुः ΙΙ
हे अग्ने! यज्ञ में मंगलकारी बुद्धि की याचना करते हुए पूजनीय देवता हवि अर्पित कर अन्न को ग्रहण करते हैंΙ विभिन्न रूपों वाली देवी उषा और रात्रि को देवताओं ने यज्ञानुष्टानों के लिए स्थित किया हैΙ उषा को अरुणिम वर्ण एवं रात्रि को कृष्णवर्ण धारण करायाΙ
In this Vedic verse, the ruddy color - aruna(अरुणिम) of dye is mentioned.
RigVeda 9.97.15
एवा पवस्व मदिरो मदायोदग्राभस्य नमयन् वधस्नैः Ι
परि वर्णं भरमाणो रुशन्तं गव्यूर्नो अर्ष परि सिक्तः ΙΙ
हे आनंददायक सोम! तू जलवृष्टि के निमित्त मेघों को प्रेरित करता हैΙ जल में मिश्रित होकर श्वेत वर्ण धारण करने वाला तू गौ - दुग्ध में मिश्रित होकर हमारे निमित्त प्रवाहित होΙ
In the above mentioned Vedic verse, the white color - śveta(श्वेत) is mentioned.
AtharvaVeda 1.22.2
परि त्वा रोहितैवर्णै र्दीर्घायुत्वाय दध्मसि Ι
यथाऽयमरपा असदथो अहरितो भुवत् ΙΙ
हे रोगग्रस्त मनुष्य! अधिक आयु प्राप्त करने के निमित्त हम तुझे लोहित वर्ण द्वारा आवृत्त करते है, जिससे तू पीलिया रोग से मुक्त होकर रोगरहित होΙ
In this above mentioned Vedic verse, the red color - lohita(लोहित) of dye is mentioned. Red color is also termed as rudhira.
Not only the dyeing process, the knowledge of Vedic Aryans in chemistry is evident by many other chemical processes like process of SMELTING IN METALLURGY, ALLOYING and FERMENTATION PROCESS, GLASS MANUFACTURING PROCESS.