The knowledge of Vedic Aryans of chemistry is evident from many chemical process which are discussed in Vedas and practiced by Vedic Aryans in ancient India. Even the food, drink and clothing of Vedic Aryans also proves their knowledge in chemistry. They used to prepare drinks and food like soma, surā and curd by the process of fermentation.
The popular fermentation product, Curd(Yogurt), is described in RigVeda which is formed by fermentation of milk overnight. Another drink mentioned in Vedas is Soma which is considered as an intoxicant juice and it is a planet product. Its importance and major source is mentioned in SamVeda.
Fermentation in RigVeda
Soma which is a planet product is produced by squeezing juice from their the plants
(their source are mentioned in SamVeda). Their fermentation process has been explained in following Vedic verses.
RigVeda 9.68.4
स मातरा विचरन् वाजयन्नृपः प्रि मेधिरः स्वधया पिन्वते पदम् I
अंशुर्यवेन पिपिशे यतो नृभिः सं जामिभिर्नसते रक्षते शिरः II
माता-पिता रूपी पृथ्वी और आकाश में विचरण करने तथा जलों को प्रेरित करने वाले सोम अपने बल की वृद्धि करता तथा जौ आदि अन्नों से पुष्ट होता हैI यह सोम यजमानों के साथ उंगलियों के समान परस्पर मिलकर रहता और संरक्षण प्रदान करता हैI
This vedic verse explains the fermentation with Barley powder(जौ) and the admixture of thick juice of Soma with barley powder.
RigVeda 10.27.2
यदीदहं युधये संनयान्यदेवयून् तन्वा शूशुजानान् I
अमा ते तुम्र वृषभं पचानि तीब्रं पञ्चदशं नि पिञ्चम् II
हे इन्द्र! जब मैं देवोपासना से रहित, बलयुक्त मनुष्यों से युद्ध से निमित्त जाता हूं, तब तुझे हवि आदि देकर संतुष्ट करता हूं था पंद्रह तिथियों में सोमरस अर्पित करता हूंI
It explains that the fermentation of intoxicating soma juice takes place nearly fifteen days. And it is very well known that the secondary fermentation takes nearly two weeks.
Fermentation in YajurVeda
YajurVeda 19.13-15
दीक्षायै रूप शष्पाणि प्रायणीयस्य तोक्मानी I
क्रयसय रूप सोमस्य लाजाः सोमा शवो मधु II13II
यज्ञ की दीक्षा में चावल प्रयुक्त होता है था नए जौ प्रायणीय यज्ञ का रूप हैंI क्रय की गई खेती खीलें और मधु सोम अंश के प्रतिरूप हैंI
आतिथ्यरूपं मासरं महावीरस्य नग्नहुः I
रूपमुपसदामेतत्तिस्रो रात्रीः सुरासुता II14II
चावल आदि धान्यों का मिश्रित चूर्ण आतिथ्य रूप हैI तीन रात्रि तक रखा गया अभिषुत सोम रस सूरा सुप और उपसद नाम वाला होकर इष्टका रूप हो जाता हैI
सोमस्य रूपं क्रीतस्य परिसस्रु त्परिषिच्यते I
अश्विभ्यां दुग्धं भेषजमिन्द्रायैंद्र सरस्वत्या II15II
सरस्वती द्वारा दोहन किया हुआ दुग्ध और अश्वनी कुमारों द्वारा दोहन किए गए औषधी रसों का तीन दिनों तक इंद्र के लिए सिंचन किया जाता हैI क्रय किया हुआ यह सोम का रूप है यह अश्विनी कुमारों, सरस्वती और इंद्र के लिए तैयार किया गया हैI
These Vedic verses explains fermentation of two major juices - Surā and Parisut. Sura is prepared from parched rice, germinated paddy and rice by the help of fermenting agent which is most oftenly the yeast. The mixture of parched rice, germinated paddy and germinated paddy(चावल आदि धान्यों का मिश्रित चूर्ण) is kept for three days(तीन रात्रि तक रखा गया) as the primary fermentation takes three to five days.
The popular fermentation product, Curd(Yogurt), is described in RigVeda which is formed by fermentation of milk overnight. Another drink mentioned in Vedas is Soma which is considered as an intoxicant juice and it is a planet product. Its importance and major source is mentioned in SamVeda.
Fermentation in RigVeda
Soma which is a planet product is produced by squeezing juice from their the plants
(their source are mentioned in SamVeda). Their fermentation process has been explained in following Vedic verses.
RigVeda 9.68.4
स मातरा विचरन् वाजयन्नृपः प्रि मेधिरः स्वधया पिन्वते पदम् I
अंशुर्यवेन पिपिशे यतो नृभिः सं जामिभिर्नसते रक्षते शिरः II
माता-पिता रूपी पृथ्वी और आकाश में विचरण करने तथा जलों को प्रेरित करने वाले सोम अपने बल की वृद्धि करता तथा जौ आदि अन्नों से पुष्ट होता हैI यह सोम यजमानों के साथ उंगलियों के समान परस्पर मिलकर रहता और संरक्षण प्रदान करता हैI
This vedic verse explains the fermentation with Barley powder(जौ) and the admixture of thick juice of Soma with barley powder.
RigVeda 10.27.2
यदीदहं युधये संनयान्यदेवयून् तन्वा शूशुजानान् I
अमा ते तुम्र वृषभं पचानि तीब्रं पञ्चदशं नि पिञ्चम् II
हे इन्द्र! जब मैं देवोपासना से रहित, बलयुक्त मनुष्यों से युद्ध से निमित्त जाता हूं, तब तुझे हवि आदि देकर संतुष्ट करता हूं था पंद्रह तिथियों में सोमरस अर्पित करता हूंI
It explains that the fermentation of intoxicating soma juice takes place nearly fifteen days. And it is very well known that the secondary fermentation takes nearly two weeks.
Fermentation in YajurVeda
YajurVeda 19.13-15
दीक्षायै रूप शष्पाणि प्रायणीयस्य तोक्मानी I
क्रयसय रूप सोमस्य लाजाः सोमा शवो मधु II13II
यज्ञ की दीक्षा में चावल प्रयुक्त होता है था नए जौ प्रायणीय यज्ञ का रूप हैंI क्रय की गई खेती खीलें और मधु सोम अंश के प्रतिरूप हैंI
आतिथ्यरूपं मासरं महावीरस्य नग्नहुः I
रूपमुपसदामेतत्तिस्रो रात्रीः सुरासुता II14II
चावल आदि धान्यों का मिश्रित चूर्ण आतिथ्य रूप हैI तीन रात्रि तक रखा गया अभिषुत सोम रस सूरा सुप और उपसद नाम वाला होकर इष्टका रूप हो जाता हैI
सोमस्य रूपं क्रीतस्य परिसस्रु त्परिषिच्यते I
अश्विभ्यां दुग्धं भेषजमिन्द्रायैंद्र सरस्वत्या II15II
सरस्वती द्वारा दोहन किया हुआ दुग्ध और अश्वनी कुमारों द्वारा दोहन किए गए औषधी रसों का तीन दिनों तक इंद्र के लिए सिंचन किया जाता हैI क्रय किया हुआ यह सोम का रूप है यह अश्विनी कुमारों, सरस्वती और इंद्र के लिए तैयार किया गया हैI
These Vedic verses explains fermentation of two major juices - Surā and Parisut. Sura is prepared from parched rice, germinated paddy and rice by the help of fermenting agent which is most oftenly the yeast. The mixture of parched rice, germinated paddy and germinated paddy(चावल आदि धान्यों का मिश्रित चूर्ण) is kept for three days(तीन रात्रि तक रखा गया) as the primary fermentation takes three to five days.