Creation of Universe in Vedas

Physicists generally claim that the universe came into existence with a Big Bang, and it is believed that nothing exists before Big Bang. In Vedas, there is a discussion about how the universe came into existence. Nasadiya Sukta(which means non-existent), which is also known as Hymn of creation, is the 129th hymn of the 10th Mandala of Rig Veda(10.129). 


What was before Big Bang?

Rig Veda 10.129.1
नासदासीन्नो सदासीत् तदानीं नासीद्रजो नो व्योमा परो यत् I
किमीवरीव∶ कुह कस्य शर्मन्नम्भ∶ किमासीद्गहनं गभीरम् II
प्रलयकाल में न अस्त् था, न सत्य था, न सृष्टि का अस्तित्व थाI उस समय आकाश और पृथ्वी भी न थे, उनसे अन्य लोक भी अस्तित्व में न थेI सबको ढांपने वाला अंतरिक्ष भी नहीं थाI अगाध और गंभीर जल का अस्तित्व भी उस समय कहाँ था? किसका कहाँ स्थान था?

The above verse says that there was neither existence nor non-existence. There was neither sky nor earth, nothing was in existence. Even the space, which covers everything, wasn't in existence. In other words, nothing exist before the Big Bang.

Rig Veda 10.129.2    
न मृत्युरसीदमृतं न तर्हि न रात्र्या अह्न आसीत् प्रकेत∶ Ι
आनीदवातं स्वधया तदेकं तस्माद्धान्यन्न पर∶ किं चनास ΙΙ
उस समय जीवन और मृत्यु का भी अस्तित्व न था, अमरता भी न थीΙ उषा और रात्रि का भी ज्ञान न थाΙ प्राणवायु भी न थीΙ उस समय केवल ब्रह्मा का अस्तित्व थाΙ अन्य किसी भी वस्तु का अस्तित्व न थाΙ  

Here 'उस समय' in the above verse refers to events before big bang. There was no cycle of birth and death. Neither a mediator for darkness and light; nor even was conscious breathing. At that time only Brahma had existed. None of the other things existed.

A Dark Cosmic Ocean

Rig Veda 10.129.3   
तम आसीत् तमसा गूलहमग्रे ऽप्रकेतं सलिलं सर्वमा इदम् І
तुच्छ्येनाभ्वपिहितं यदासीत् तपसस्तन्महिनाजायतैकम् ІІ
सृष्टि - रचना से पूर्व प्रलयकाल में सारा संसार मायावी अज्ञानरूपी अंधकार से आच्छादित था І सभी कुछ अव्यक्त था तथा चारों ओर एक ही प्रवाह था І उस समय जो कुछ भी था, वह चारों ओर एक ही प्रवाह था І उस समय जो कुछ भी था, वह चारों ओर सत्-असत् तत्व से आच्छादित था І वो हीं एक तत्व तप के प्रभाव से उत्पन्न हुआ था І

Most of the time, physicists ask a major question - what exactly was before Big Bang?. Before the creation of the world, it was filled with illusory and ignorant darkness. There was a continuous dark cosmic ocean. Whatever was there at that time, there was neither existence nor non existence.



Matter and Energy

Rig Veda 10.129.4   
कामस्तदग्रे समवर्तताधि मनसो रेत∶ प्रथमं यदासीत् Ι
बन्धुमसति निरविन्दन् हृदि प्रतीष्या कवयो मनीषा ΙΙ
सर्वप्रथम परब्रह्मा के मन में सृष्टि - रचना की इच्छा उत्पन्न हुई Ι तत्पश्चात् उस मन से सबसे पहले उत्पत्ति का कारण बीज उतपन्न हुआ Ι मेधावी ज्ञानीजनों ने विवेक के द्वारा विचार करके व्यक्त न होने वाले असत् से व्यक्त होने वाले सत् तत्व के उत्पत्ति स्थान को कल्पित किया Ι   

First of all, God created the desire for creation. Then this 'desire for creation' happened and after that everything was originated from that mind. The meritorious people  by their wisdom have expressed equation between matter and energy, production of existent from non-existent. Desire for creation refers to the force which led to the Big Bang.